About Me

My photo
Bespectacled with a body so thin A face that hides a sardonic grin!!

Tuesday, May 3, 2016

Shayaris Once Again

रूपा के है आशिक़ हज़ार
सभ करते है उससे इतना प्यार
मिलने को बहाना ढूँढ़ते है बार बार
अटेंशन के लिए है सभ बेकरार
एक इशारे के लिए इंतज़ार कर रहे है एक दम तैयार

रात को चमकते है एक दम सही
दाग है पर बदसूरत नहीं

कोई भी तुम्हे नज़र न लगाए
कोशिश रहे न किसी तुम्हें अपना बनाए
तुम्हारी खूबसूरती हर तरफ छान जाए
रुकी अफसर में भी फिर से जान आये